आज सुबह एक फेसबुक पोस्ट देखते हुए मुझे एक मजेदार पता लगी. इस बात का मुझे कभी पता नहीं था; या यह कहिये कि मैंने इसे कभी जानने की कोशिश न की. 2000 रूपये की एक फोटो डाल कर मेरे एक मित्र ने प्रश्न किया कि नोट पर जहाँ भाषाएँ लिखी होती हैं वहां पर “दोन रुपया” और “दोन रूपये” दो बार लिखा हुआ है. इसे समझते हुए मैंने जिज्ञासावश फेसबुक पर वह फोटो डाल दी एवं अपने मित्रों से पूछा कि ये दोन रुपया और रूपये में क्या फर्क है? मेरी समझ में दोन शब्द मराठी में “दो” के लिए उपयोग होता है; मेरी जिज्ञासा इस बात को लेकर थी कि ये “दोन” दो बार क्यों लिखा गया है? रिसर्च करते हुए मेरे एक मित्र ने बताया कि मराठी के अलावा कोंकणी भाषा में भी “दो” को “दोन” लिखा जाता है. इसने मेरी इस विषय को लेकर जिज्ञासा बढ़ाई जिसके कारण इस समय मैं यह लेख लिख रहा हूँ. भारत के संविधान के अनुसार 22 भाषाओं को आधिकारिक मान्यता दी गयी है. जब हम किसी भी करेंसी नोट को देखते हैं तो उसपर 22 में से 17 भाषाओँ का प्रयोग किया जाता है. दो भाषाएँ (हिंदी एवं अंग्रेजी) नोट के आगे एवं 15 भाषाएँ नोट के पीछे के पेनल पर लिखी हुई रहती हैं. इसे निम्न ग्रफिक से हम साफ़ तौर पर समझ सकते हैं:
Denominations in central level official languages (At below either ends) | ||||||||||
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Language | ₹1 | ₹2 | ₹5 | ₹10 | ₹20 | ₹50 | ₹100 | ₹500 | ₹1000 | ₹2000 |
English | One rupee | Two rupees | Five rupees | Ten rupees | Twenty rupees | Fifty rupees | Hundred rupees | Five hundred rupees | One thousand rupees | Two thousand rupees |
Hindi | एक रुपया | दो रुपये | पाँच रुपये | दस रुपये | बीस रुपये | पचास रुपये | एक सौ रुपये | पांच सौ रुपये | एक हज़ार रुपये | दो हज़ार रुपये |
Denominations in 15 state level/other official languages (As seen on the language panel) | ||||||||||
Assamese | এ টকা | দুটকা | পাঁচ টকা | দহ টকা | বিছ টকা | পঞ্চাশ টকা | এশ টকা | পাঁচশ টকা | এহেজাৰ টকা | দুহেজাৰ টকা |
Bengali | এক টাকা | দুই টাকা | পাঁচ টাকা | দশ টাকা | কুড়ি টাকা | পঞ্চাশ টাকা | একশ টাকা | পাঁচশ টাকা | এক হাজার টাকা | দুই হাজার টাকা |
Gujarati | એક રૂપિયો | બે રૂપિયા | પાંચ રૂપિયા | દસ રૂપિયા | વીસ રૂપિયા | પચાસ રૂપિયા | સો રૂપિયા | પાંચ સો રૂપિયા | એક હજાર રૂપિયા | બે હજાર રૂપિયા |
Kannada | ಒಂದು ರುಪಾಯಿ | ಎರಡು ರುಪಾಯಿಗಳು | ಐದು ರುಪಾಯಿಗಳು | ಹತ್ತು ರುಪಾಯಿಗಳು | ಇಪ್ಪತ್ತು ರುಪಾಯಿಗಳು | ಐವತ್ತು ರುಪಾಯಿಗಳು | ನೂರು ರುಪಾಯಿಗಳು | ಐನೂರು ರುಪಾಯಿಗಳು | ಒಂದು ಸಾವಿರ ರುಪಾಯಿಗಳು | ಎರಡು ಸಾವಿರ ರುಪಾಯಿಗಳು |
Kashmiri | آکھ رۄپے | د رۄپے | پاژشھ رۄپے | دہ رۄپے | وھ رۄپے | پاژاھ رۄپے | ھطم رۄپے | پاژشھ ھطم رۄپے | ساس رۄپے | د ساس رۄپے |
Konkani | एक रुपया | दोन रुपया | पांच रुपया | धा रुपया | वीस रुपया | पन्नास रुपया | शंबर रुपया | पाचशें रुपया | एक हजार रुपया | दोन हजार रुपया |
Malayalam | ഒരു രൂപ | രണ്ടു രൂപ | അഞ്ചു രൂപ | പത്തു രൂപ | ഇരുപതു രൂപ | അൻപതു രൂപ | നൂറു രൂപ | അഞ്ഞൂറു രൂപ | ആയിരം രൂപ | രണ്ടായിരം രൂപ |
Marathi | एक रुपया | दोन रुपये | पाच रुपये | दहा रुपये | वीस रुपये | पन्नास रुपये | शंभर रुपये | पाचशे रुपये | एक हजार रुपये | दोन हजार रुपये |
Nepali | एक रुपैयाँ | दुई रुपियाँ | पाँच रुपियाँ | दस रुपियाँ | बीस रुपियाँ | पचास रुपियाँ | एक सय रुपियाँ | पाँच सय रुपियाँ | एक हजार रुपियाँ | दुई हजार रुपियाँ |
Odia | ଏକ ଟଙ୍କା | ଦୁଇ ଟଙ୍କା | ପାଞ୍ଚ ଟଙ୍କା | ଦଶ ଟଙ୍କା | କୋଡିଏ ଟଙ୍କା | ପଚାଶ ଟଙ୍କା | ଏକ ଶତ ଟଙ୍କା | ପାଞ୍ଚ ଶତ ଟଙ୍କା | ଏକ ହଜାର ଟଙ୍କା | ଦୁଇ ହଜାର ଟଙ୍କା |
Punjabi | ਇਕ ਰੁਪਈਆ | ਦੋ ਰੁਪਏ | ਪੰਜ ਰੁਪਏ | ਦਸ ਰੁਪਏ | ਵੀਹ ਰੁਪਏ | ਪੰਜਾਹ ਰੁਪਏ | ਇਕ ਸੌ ਰੁਪਏ | ਪੰਜ ਸੌ ਰੁਪਏ | ਇਕ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ | ਦੋ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ |
Sanskrit | एकरूप्यकम् | द्वे रूप्यके | पञ्चरूप्यकाणि | दशरूप्यकाणि | विंशती रूप्यकाणि | पञ्चाशत् रूप्यकाणि | शतं रूप्यकाणि | पञ्चशतं रूप्यकाणि | सहस्रं रूप्यकाणि | द्विसहस्रं रूप्यकाणि |
Tamil | ஒரு ரூபாய் | இரண்டு ரூபாய் | ஐந்து ரூபாய் | பத்து ரூபாய் | இருபது ரூபாய் | ஐம்பது ரூபாய் | நூறு ரூபாய் | ஐந்நூறு ரூபாய் | ஆயிரம் ரூபாய் | இரண்டாயிரம் ரூபாய் |
Telugu | ఒక రూపాయి | రెండు రూపాయలు | ఐదు రూపాయలు | పది రూపాయలు | ఇరవై రూపాయలు | యాభై రూపాయలు | నూరు రూపాయలు | ఐదువందల రూపాయలు | వెయ్యి రూపాయలు | రెండు వేలు రూపాయలు |
Urdu | ایک روپیہ | دو روپے | پانچ روپے | دس روپے | بیس روپے | پچاس روپے | ایک سو روپے | پانچ سو روپے | ایک ہزار روپے | دو ہزار روپے |
उपरोक्त टेबल को जब हम देखते हैं तो हमें पता लगता है कि संविधान निर्माताओं ने किस प्रकार से भारतीय करेंसी पर समस्त भारत की विविधता को उतारने का प्रयास किया है. इस करेंसी का इतिहास भी 1861 तक जाता है जब ब्रिटिश सरकार ने कानून के द्वारा समस्त भारत में एक करेंसी लागू की थी. इससे पहले विभिन्न रियासतों की अलग अलग करेंसी रहती थी. ब्रिटिशों ने भारत के ऊपर अधिकार स्थापित करने के बाद विभिन्न कानून लागू किये जिनमें से एक यह था कि समस्त भारत में एक करेंसी होगी. कागजी करेंसी के लिए The Paper Currency Act, 1861 बनाया गया, इसमें समय समय पर बाद में बदलाव भी किये गये. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया भारत की करेंसी को जारी करता है. रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया को रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया अधिनियम 1934 के तहत स्थापित किया गया था. इस अधिनियम के तहत ही रिजर्व बैंक को करेंसी जारी करने का अधिकार मिलता है. 8 नवम्बर को RBI ने पुराने 500 व 1000 के नोट्स को विमुद्रीकरण के तहत वापिस ले लिया है. इसके साथ ही भारत की 86% मुद्रा वापिस ले ली जाएगी. लगभग 14 लाख करोड़ की यह करेंसी वापिस लेकर नई करेंसी जनता तक पंहुचने में अभी कई माह का समय लगेगा. आम बैंक में इस करेंसी को आप 31 दिसम्बर तक वापिस कर सकते हैं तो RBI में यह समय सीमा 31 मार्च तक तय की गयी है. निश्चय स्पष्ट है इस वित्त वर्ष में सरकार इस कार्य को पूर्ण करना चाहती है. इस मामले में सरकार को जनता की तरफ से अपेक्षित सहयोग भी मिल रहा है; हालांकि इसमें जनता को परेशानी भी बहुत अधिक उठानी पड़ रही है. एक अच्छे कार्य के लिए थोड़ी परेशानी तो जायज ही है.
नए नोट की फ़ीचर्ज के बारे में कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं. हालांकि एक गैरकानूनी कार्य भी कर दिया गया है. कानूनन सरकार करेंच्य का इस्तेमाल अपनी योजना के प्रोमोशन के लिये नहीं कर सकती. भाजपा सरकार की “स्वच्छ भारत” योजना के अलावा उसका लोगो भी इस नोट पर मौजूद है. जो पूर्णतया गैरकानूनी है. यदि कोर्ट तक मामला गया तो सरकार को 30000 करोड़ की लागत से प्रिंट किये ये नोट वापिस भी लेने पड़ सकते हैं.