कोरोना महामारी राहत पैकेज
पूर्व विधायक परमेन्द्र सिंह ढुल ने यहाँ जारी अपने ब्यान में कहा कि कोरोना महामारी के कारण जहाँ समूची दुनिया में जनजीवन व्यस्त है वहीँ भारत की आबादी का बहुत बड़ा वर्ग बहुत बड़ी दिक्क्तों का सामना कर रहा है। उन्होंने इस महामारी के दौरान सरकार के रूख की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार अपने सामर्थ्य के अनुसार बहुत कुछ कर रही है लेकिन बहुत कुछ अभी करना बाकि है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र इस महामारी की वजह से बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और इस वर्ग को सहायता की बहुत अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस समय गेहूं की खरीद चल रही है और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण एवं नए सिस्टम को लागू करने के कारण खरीद की व्यवस्था अभी पूरी तरह से पटड़ी पर नहीं आ पाई है एवं इस कारण किसानों को बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। जहाँ ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की कमी दिखाई दे रही है तो वहीँ शहरी क्षेत्र में मजदूर वर्ग पूरी तरह से खाली बैठ गया है। सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार से उनके पास सहायता पंहुचाई जा रही है, लेकिन काम धंधा बिलकुल ठप्प होने की वजह से आज उन्हें ऐतिहासिक रूप से बहुत अधिक दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में आज सरकार के पास मौका है कि विपक्ष की बातों का करारा जवाब दे स्वयं को किसान एवं मजदूर हितैषी साबित करे। ढुल ने कहा कि जहाँ एक और फसलें खराब होने की वजह से किसान पहले ही परेशान थे वहीँ एक बहुत बड़ा वर्ग है जो आज कर्जदार है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे वर्ग के लिए विशेष राहत का एलान कर उनके कर्ज माफ़ी की अथवा कोई और फौरी राहत देने का कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस समय गेहूं खरीद पर बोनस अवश्य देना चाहिए ताकि किसान अपने नुक्सान की भरपाई कर सके। उन्होने कहा कि इस समय लॉक डाउन के समय कृषक वर्ग ही इस देश की जरूरतों को पूरा करने का कार्य कर रहा है ऐसे में कृषक वर्ग को बड़ी राहत से जहाँ वे लाभान्वित होंगे वहीँ उनके पास पैसा आने से बाजार में व्यापारियों को भी रहत महसूस होगी क्योंकि इससे खरीद बढ़ेगी। ढुल ने कहा कि इस समय जब बाजार में , अर्थव्यवस्था में अफरातफरी का माहौल है तो बहुत से अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था को दोबारा ऊपर उठाने का रास्ता किसानों से निकलेगा। किसानों के बलवान होते ही मजदूर एवं व्यापारी वर्ग बहुत राहत महसूस करेंगे और बाजार में दोबारा ताकत आएगी। उन्होंने कहा कि इस लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में चर्मकार, तेली, प्रजापत, वाल्मीकि आदि वर्गों को बहुत अधिक नुक्सान हुआ है क्योंकि उनके काम धंधे बिलकुल ठप्प पड़ गए हैं, ऐसे में उनके लिए विशेष राहत पैकेज की तुरंत आवश्यकता है।