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Let me not then die ingloriously and without a struggle, but let me first do some great thing that shall be told among men hereafter.-Hom. Il. 22.232

Homer, The Iliad
Samuel Butler, Ed.

Duty of a man is not to come in this world and die. I do believe that I have born with a duty to make this world better for the generations to come. I love working for the downtrodden society and for the indigenous persons. Taking birth in a family which is associated with social service and politics gave me this sense of responsibility. When my grandfather died; he said politics is now affected with three W’s (wine, women and wealth) and the same is not a passion to pursue anymore. I have a passion to change this perception. There is a great quote which is often attributed to Thomas Paine,”The duty of a true Patriot is to protect his country from its government”. It doesn’t matter whether he said it or not but this is truth of my life. No matter which country is; no matter what Government is and no matter whether its lead by a political party or a king; Governments do not serve the Country. The Governments have their own agendas and poor and downtrodden never come in their agendas and thus often feel neglected. I want to work for these societies and these people.

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December 30, 2022
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लाओ त्से

लाओ त्से चीन के एक महान दार्शनिक हुए। बिल्कुल अलग और बिलकुल जुदा। उनकी बुद्धि से प्रभावित हो एक बार उनके राज्य के राजा ने उन्हें कहा कि आप ह्मारे राज्य के न्यायाधीश बन जाइये। उन्होंने मना किया कि मैं इस लायक नहीं। आप गलत आदमी से संपर्क कर रहे हैं। पर राजा के जिद […]

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December 30, 2022
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अफ़लातून महाराजाधिराज ‘सूरजमल’ सिनसिनवार

एशियाई प्लेटो चिरकाल कूटनीतिज्ञ अफ़लातून महाराजाधिराज ‘सूरजमल’ सिनसिनवार, भरतपुर (लोहागढ) को बलिदान दिवस पर सत-सत नमन; महाराजा सुरजमल विशेषमुगलों के आक्रमण का प्रतिकार करने में उत्तर भारत में जिन राजाओं की प्रमुख भूमिका रही है, उनमें भरतपुर (राजस्थान) के महाराजा सूरजमल जाट कानाम बड़ी श्रद्धा एवं गौरव से लिया जाता है। उनका जन्म 13 फरवरी, […]

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April 8, 2020
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Donald Trump

डोनाल्ड ट्रम्प बोलने में काफी एग्रेसिव हैं और उनकी भाषा का कभी कोई ठोर ठिकाना नहीं होता। अक्सर अपनी भाषा के लिए उनकी आलोचना की जाती है। जब से कोरोना का कहर समूची दुनिया में बरपा है तब से अमेरिका भी एक बड़ी समस्या में फंस गया है। न केवल अमेरिका इस समय पर इस […]

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December 27, 2018
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किसानों की ऋण माफ़ी

फरवरी 2017 में भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफ़ी का वायदा किया था.  उस दिन से अब तक भारत के आठ राज्य कृषि ऋणों की माफ़ी की घोषणा कर चुके हैं. इसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, […]

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November 23, 2018
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जींद की धरती के दो दुःसाहसी योद्धाओं की अमर-गाथा

हमारे जुलाना विधानसभा क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण और सबसे बड़ा गाँव है लजवाना कलां, देखने में आम दिखने वाला यह बड़ा गाँव एक बड़ा इतिहास समाहित कर बैठा है। जब इस इतिहास को खोजने का प्रयास किया तो ह्रदय गौरवान्वित हो उठा। आज इस बड़े और महत्त्वपूर्ण गाँव में सभी जातियों के लोग बसते हैं […]

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January 27, 2016
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आह

आह देखो यह राह मैंने ही बनाई थी इस राह पर माटी मैंने ही बिछाई थी इस माटी से तुमने एक मूरत बनाई थी इस मूरत से निकल तुम आज उस नए राह पर चले गए जिस राह पर न मेरी माटी है न मेरा अक्स पर अपना ध्यान रखना देखना बिन माटी के अक्सर […]

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August 8, 2015

तमन्ना का फूल

तमन्ना आज बगीचे में अकेली घूम रही थी. सामने उसका पसंदीदा पौधा था; बेहद सुन्दर रंग वाले फूल खिलते थे उसपर. केवल एक ही समस्या थी; उसमें कांटे थे…बहुत पैने कांटे जो कभी भी चुभ सकते थे. पर तमन्ना को वह पौधा जान से प्यारा था. आज उसने फूलों से छेड़खानी की ठान ली थी. […]

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August 8, 2015

बाहर किसकी है माया

एक खूबसूरत गीत है, उसकी शुरूआती पंक्तियाँ उस से भी अधिक खूबसूरत। “जे मैं तैनूं बाहर ढूँढाँ तो भीतर कौन समाया।  जे मैं तैनूं भीतर ढूँढाँ , बाहर किस दी है माया। “इस खूबसूरत पंक्ति को हम मानव चरित्र के हर पहलू के साथ जोड़ सकते हैं। यदि आप ईश्वर को मानते तो इसे ईश्वर के […]

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May 30, 2015

याद है

याद है, तुम और मैं पहाड़ी वाले शहर की लम्बी, घुमावदार, सड़्क पर बिना कुछ बोले हाथ में हाथ डाले बेमतलब, बेपरवाह मीलों चला करते थे, खम्भों को गिना करते थे, और मैं जब चलते चलते थक जाता था तुम कहती थीं , बस उस अगले खम्भे तक और । आज मैं अकेला ही उस […]

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March 8, 2015

मैं तुम्हें कोई दोष नहीं देता

मैं तुम्हें कोई दोष नहीं देता सब दोष अपने संग वरता हूँ। जीवन की इस अनकही पहेली पर स्वयम् के प्राण मैं हरता हूँ। मेरे जीवन का उत्तरदायी कौन यह न कोई पूछेगा इस जीवन की अथाह व्यथा को कौन अपने संग वरेगा? चल निकला मैं अब उस सफ़र पर, जिसका न कोई अंत है, […]

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March 3, 2015

पास खडा था भ्रष्टाचार

सुबह उठ कर आँख खुली तो पास खडा था भ्रष्टाचार, अट्टहास लगाता हुआ, प्रश्न चिह्न लगाता हुआ. जब पूछा मैंने, तुझमें इतने प्राण कहाँ से आये, के तुम बिन पूछे, बिन बताए मेरे घर भी दौड़ आये. हंसता हुआ, वो बोला, तुम शायद अवगत नहीं, कल रात ही संसद में मुझे जीवनदान मिला है. देश […]

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March 3, 2015

हाँ मैं चलती हूँ

हाँ मैं चलती हूँ तुमने मुझे चलने से रोका तुमने मुझे जीने से रोका तुमने मुझे गाने से रोका तुमने मुझे खाने से रोका मेरे कदम कदम पर कांटे बिछाये पर मेरे कदम कभी न रुक पाये फिर भी मैं चलती हूँ चलते चलते खिलती हूँ चलते चलते जलती हूँ मगर फिर भी मैं चलती हूँ […]

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February 19, 2015

गर तुम होते पास

गर तुम होते पास तो श्वासों को पहचान मिलती तो अधरों की वह प्यास बुझती तो जीवन को नव पहचान मिलती आते जब तुम मेरे पास तो इक नव गीत मैं गुनगुनाता मेरी नयी पहचान बनाता लेट जाता उस गोद में जिस गोद में बसता जीवन है सहलाता उन केशों को कर चक्षु को बंद […]

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