एक बेरोजगार

आज मानव सड़क पर चला जा रहा था। उसके मन में कई तरह की गुत्थियां चल रही थीं।नौकरी मिल नहीं रही थी, ऊपर से माँ उसकी चिंता में मरी जा रही थी। मानव के तीन भाइयों में वह ही ऐसा था जिसके पास नौकरी नहीं थी, इसलिए उसे घर में कोई बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती थी। पिता जी …

पश्चाताप

शहर में चारों और दंगे हो रहे थे और तबाही मची थी, तभी एक छोटी सी कुटिया के पास आकर भीड़ रुकी. मुस्लिम लोगों की भीड़ थी वह; उस भीड़ ने आवाज लगाईं, “जो कोई भी है बाहर निकले, अपना मजहब बताये वरना हम कुटिया को जला देंगे”. एक अधेड़ उम्र की बुढ़िया बाहर आई, एक प्रश्न चिह्न लगाते हुए …

आजादी की छुट्टी।

आजादी की छुट्टी पर एक छोटा बच्चा अपनी माँ से पूछ बैठा, “माँ, ये छुट्टी क्यों होती है” माँ परेशान रहती हुई कोई जवाब न दे पायी. इतने में बच्चे ने फिर से पूछा, “माँ जवाब क्यों नहीं देती?” माँ ने सोचा फिर जवाब दिया,”बेटा क्योंकि आज के दिन हमें गुलामी से आजादी मिली थी, इस से पहले हमारे लोग …

एक बेरोजगार

इस किनारे चलते हुए चुन्नी  लाल  ने  बहती नदिया के पार देखा. इस किनारे बड़े बंगले थे, बड़े बाजार थे, उन बाजारों में केवल कुछ हजार लोग थे। वे लोग ऐसे थे जो चलते थे, उड़ते थे, कभी कभी तो कर्म ऐसा करते थे, जिन कर्मों में कोई धर्म नहीं, जिन आदमियों में कोई सच्चा कर्म नहीं,पर उनका उड़ना कभी कम नहीं हुआ, उनका चलना कभी कम नहीं हुआ. …