“क्या जय महाराष्ट्र सही है”

यही कोई पंद्रह वर्ष पहले दूरदर्शन पर एक सीरियल आता था “चाणक्य” नाम से . देश प्रेम के वाक्यों से लबालब यह सीरियल सही मायने में एक महान रचना थी। उस सीरियल के एक एपिसोड में चाणक्य कहते हैं, “यवनों ने भिन्न-भिन्न जनपदों के आस्था के भेद को नहीं देखा था. आक्रान्ताओं ने सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किया …